नोएडा। नोएडा में सुपरटेक के अवैध ट्विन्स टॉवर्स को आज दोपहर को 2 बजकर तीस मिनट पर विस्फोट करके उड़ा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन दोनों अवैध टॉवर्स को ध्वस्त किया गया। सुपरटेक के इन अवैध टॉवर्स को ध्वस्त करने का कार्य मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका की अपनी सहयोगी कंपनी जेट डिमोलिशन के सहयोग से करवाया। नोएडा में स्थित सुपरटेक के इन अवैध टॅावर्स के नाम एपेक्स और सियान थे। जो क्रमश: 100 मीटर व 97 मीटर ऊंचे थे। इन टॉवर्स को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया।
गौरतलब है कि दिल्ली की कुतुबमीनार से भी ऊंचे इन अवैध टॉवर्स को ध्वस्त करने के लिए वाटरफॉल इम्लोजन तकनीक का इस्तेमाल करके ध्वस्त किया गया। दोनों टॉवर के ध्वस्त होने के साथ ही सारे इलाके को धूल के गुबार ने ढक लिया और कुछ मिनट बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आने लगीं। भारत में ध्वस्त की गई इमारतों में नोएडा के अवैध टॉवर सबसे ऊंचे बताए जा रहे हैं।
बता दें कि नोएडा के इन दोनों टॉवर में चालीस मंजिले और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित किए गए थे। दोनों टॉवर्स को ध्वस्त करने से पूर्व ही आज सुबह आस पास की दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट व एटीएस विलेज के करीब पांच हजार लोगों से सुबह उनके फ्लैट खाली करा दिए गए थे। माना जा रहा है कि नोएडा के इन अवैध टॉवर्स के ध्वस्तीकरण के बाद करीब 80 हजार टन मलबा निकला है जिसके निस्तारण में करीब तीन महीने का समय लगेगा।
उल्लेखनीय है कि सुपरटेक बिल्डर को सेक्टर 93 ए में 2004 में एमरॉल्ड कोर्ट के नाम पर भूखंड आवंटित हुआ था जिसमें 14 टॉवरों का नक्शा पास था। बाद में संशोधन और और दो नए टॉवर्स के निर्माण की मंजूरी ली गई। ये दोनों टॉवर्स ग्रीन पार्क, और चिल्ड्रन पार्क की जमीन पर बनाए गए जिन्हें ट्विन्स टॉवर्स के नाम से जाना जाता था। इन टॉवर्स के निर्माण में कानून का जमकर उल्लघन हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने 30 नंवबर 2021 को गिराने का आदेश दे दिया।