भारत ने रूस के कज़ान में आयोजित ब्रिक्स साहित्य फोरम 2024 में भाग लिया, जिसका विषय था “नए यथार्थ में विश्व साहित्य: परंपराओं, राष्ट्रीय मूल्यों और संस्कृतियों का संवाद।” साहित्य अकादमी के भारतीय प्रतिनिधि माधव कौशिक और डॉ. के. श्रीनिवासराव।
भारत ने ब्रिक्स साहित्य फोरम 2024 में भाग लिया, जो 11 सितंबर 2024 को रूस के कज़ान में शुरू हुआ। कज़ान के मेयर इल्सुर मेत्शिन द्वारा उद्घाटन किए गए इस कार्यक्रम का विषय था। नई वास्तविकता में विश्व साहित्य: परंपराओं, राष्ट्रीय मूल्यों और संस्कृतियों का संवाद।
इस फोरम में ब्रिक्स देशों के लेखक, कवि, दार्शनिक, कलाकार और विद्वान शामिल हुए। भारत का प्रतिनिधित्व साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक और साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने किया। पूर्ण सत्र में माधव कौशिक ने वैश्विक स्तर पर एकता और सहयोग को बढ़ावा देने में साहित्य के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम 1: पूर्ण अधिवेशन
पूर्ण अधिवेशन के दौरान अपने संबोधन में माधव कौशिक ने आज की दुनिया में साहित्य के महत्व पर बात की तथा विश्व भर में विभिन्न समाजों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
♦ Hindi Diwas 2024: Honoring India’s Rich Linguistic Legacy
♦ Port Blair renamed as Sri Vijaya Puram by GOI
कार्यक्रम 2: “भारत के लेखकों से मिलें“
“वोल्गा से गंगा तक: परंपरा और बहुसंस्कृतिवाद का उत्सव” विषय पर “भारत के लेखकों से मिलें” नामक सत्र में डॉ. के. श्रीनिवासराव ने बहुसंस्कृतिवाद और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने में नदी आधारित संस्कृतियों के प्रभाव पर चर्चा की। माधव कौशिक ने आगे विस्तार से बताया कि कैसे भारत और रूस दोनों में पारंपरिक साहित्य समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाता है।