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रामधारी सिंह दिनकर: याचना नहीं, अब रण होगा…

वर्षों तक वन में घूम-घूम,बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,पांडव आये कुछ और निखर।सौभाग्य न सब दिन…

प्रेमचंद जी की कविता

Dinkar ji ki kavita-रश्मीरथी

कृष्ण को कर्ण द्वारा दिया गया उत्तर मैं हुआ धनुर्धर जब नामी,सब लोग हुए हित के…

‘रामधारी सिंह दिनकर’ का संक्षिप्त जीवन परिचय

परिचय ‘रामधारी सिंह दिनकर‘ का जन्म सन 1908 ई0 में बिहार राज्य के मुंगेर जिले के…

हिमालय – रामधारी सिंह दिनकर

मेरे नगपति! मेरे विशाल!  साकार, दिव्य, गौरव विराट्,  पौरुष के पुंजीभूत ज्वाल!  मेरी जननी के हिम-किरीट! …

जिससे खाया नहीं जाए

उतनी दूर मत ब्याहना बाबा! – निर्मला पुतुल  बाबा! मुझे उतनी दूर मत ब्याहना जहाँ मुझसे…

रामधारी सिंह ‘दिनकर’- हिंदी साहित्य के ‘सूरज’

हिंदी साहित्य में कविता तथा निबंध जैसी विधाओं में अमर कृतियां रचकर प्रसिद्धि पाने वाले रामधारी…

खालिद जावेद ने साहित्य के लिए 2022 जेसीबी पुरस्कार जीता

लेखक खालिद जावेद की “द पैराडाइज़ ऑफ़ फ़ूड”, जिसका अनुवाद बरन फ़ारूक़ी ने उर्दू से किया…

युगल संवाद

संवाद हम लड़ सकते थे झगड़ सकते थे, एक दूसरे को दोष दे सकते थे, रूठ…

संवाद

मुझे मालूम है देखो, मेरे पास कविता नहीं संवाद है, किसी सदी का तुम्हारे और मेरे…

ज़िंदगी के लम्हे

हाथ से बीतते हुए लम्हों को कैसे रोकूँ,जो मुकद्दर-ए-ज़िन्दगी है उसे कैसे टोकूं,खुदा न करे कि…